केंद्रीय बजट 2025: एक व्यापक विश्लेषण और comfortable परिचय :

केंद्रीय बजट 2025:

भारत सरकार द्वारा प्रस्तुत केंद्रीय बजट 2025 एक महत्वाकांक्षी और दूरदर्शी दस्तावेज़ है, जो भारतीय अर्थव्यवस्था को वैश्विक प्रतिस्पर्धा के योग्य बनाने, समाजिक समावेशन को बढ़ावा देने और हरित विकास की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। यह बजट विशेष रूप से डिजिटल अर्थव्यवस्था, हरित ऊर्जा, कृषि और ग्रामीण विकास, और वित्तीय समावेशन पर फोकस करता है। इसका उद्देश्य भारतीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर और समावेशी बनाना है, साथ ही विभिन्न क्षेत्रों में दीर्घकालिक स्थिरता और समृद्धि की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाना है।

भारत सरकार ने इस बजट में एक ऐसे रोडमैप की घोषणा की है, जिससे देश को अगले कुछ वर्षों में 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। यह बजट भारत को एक नई दिशा देने के लिए न केवल आर्थिक सुधारों की घोषणा करता है, बल्कि सामाजिक, पर्यावरणीय और डिजिटल सुधारों के माध्यम से देश की समग्र विकास प्रक्रिया को गति प्रदान करेगा।

इस विस्तृत लेख में केंद्रीय बजट 2025 की मुख्य घोषणाओं, उसके संभावित प्रभावों, और इसके दूरगामी असरों पर गहराई से विचार करेंगे।

केंद्रीय बजट 2025

1. कर सुधार और मध्यम वर्ग के लिए राहत

पर्सनल इनकम टैक्स में बदलाव:

भारत में आयकर प्रणाली को सरल और करदाताओं के अनुकूल बनाने के लिए इस बजट में महत्वपूर्ण बदलाव किए गए हैं। सरकार ने आयकर छूट सीमा को ₹1.28 मिलियन प्रति वर्ष कर दिया है, जिससे लाखों भारतीय करदाताओं को राहत मिलेगी। इसके अलावा, नए कर स्लैब का परिचय दिया गया है, जिसमें निचले और मध्यम आय वर्ग के करदाताओं के लिए कर दर को घटाया गया है। इससे इन वर्गों के लोगों को सीधे आर्थिक लाभ होगा और उनकी क्रय शक्ति में वृद्धि होगी।

मानक कटौती को बढ़ाकर ₹75,000 कर दिया गया है, जिससे वेतनभोगी वर्ग को और अधिक राहत मिलेगी। आसान टैक्स फाइलिंग प्रणाली के जरिए टैक्स भरने की प्रक्रिया को और अधिक डिजिटल और सहज बनाया गया है।

इसके अलावा, वरिष्ठ नागरिकों के लिए विशेष कर छूट की घोषणा की गई है, जिससे पेंशनभोगियों और बुजुर्गों को लाभ मिलेगा।

सुधार कॉर्पोरेट टैक्स और प्रोत्साहन स्टार्टअप्स: यह बजट व्यवसाय के लिए कर बोझ को कम करने के उद्देश्य से कॉर्पोरेट टैक्स को 22% पर बनाए रखने का निर्णय लेता है। इसके अलावा, अगले 5 वर्षों तक कर में स्टार्टअप्स को मुक्त करने की पेशकश की गई है, जिससे इस प्रकार के बाजारों में तेजी बढ़ेगी और नवाचार और उद्यमिता को उत्साहित किया जाएगा। एंजल टैक्स समाप्त करने के साथ, विदेशी निवेशक भी आकर्षित होंगे, जिससे नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

2. कृषि और ग्रामीण विकास

कृषि भारत की अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण हिस्सा है, और बजट 2025 में इसे विशेष प्राथमिकता दी गई है। ₹2.66 लाख करोड़ का बजट ग्रामीण और कृषि विकास के लिए निर्धारित किया गया है।
कृषि क्षेत्र में सुधारों के प्रमुख घटक:
दालों और कपास के उत्पादन में वृद्धि के लिए एक विस्तृत 6 वर्ष की रणनीति।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की नई नीति लागू की जाएगी, जिससे किसानों को लाभ मिलेगा।
जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए ₹15,000 करोड़ का कोष निर्धारित किया गया है।
सूखा प्रभावित क्षेत्रों में नए सिंचाई प्रोजेक्ट्स का आरंभ, जो जल प्रबंधन में सुधार करेंगे।
डिजिटल कृषि क्रांति के तहत स्मार्टफोन आधारित खेती की शुरुआत, जिससे किसान अपने उत्पादों को डिजिटल रूप से बेच सकेंगे।
3. रोजगार सृजन और कौशल विकास
बजट 2025 में रोजगार सृजन और कौशल विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है। सरकार ने ₹2 लाख करोड़ के निवेश से 5 नए कौशल विकास कार्यक्रम शुरू करने की घोषणा की है। इन योजनाओं का उद्देश्य युवाओं को उभरती तकनीकों जैसे AI, मशीन लर्निंग, और डेटा साइंस में प्रशिक्षित करना है, जिससे उनके रोजगार की संभावनाएँ बढ़ेंगी।
कुछ अतिरिक्त पहलें महिला रोजगार वृद्धि योजना, जो कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ावा देगी, को संबोधित करते हुए एक इंटर्नशिप कार्यक्रम है, जिसमें 1 करोड़ युवाओं को विभिन्न उद्योगों में इंटर्नशिप का मौका मिलेगा।

4. समर्थन – MSME और स्टार्टअप सेक्टर का

बजट में MSME और स्टार्टअप्स के लिए नई योजनाएँ बनाई गई हैं। इन योजनाओं का उद्देश्य यही है कि ये क्षेत्र में नवाचार और विकास बढ़े। क्रेडिट गारंटी योजना को सरकार ने विस्तार दिया है। इससे छोटे व्यवसायों को आसानी से ऋण प्राप्त हो सकेगा। इसके साथ ही, ₹50,000 करोड़ का फंड MSME क्षेत्र को समर्थन देने के लिए निर्धारित किया गया है।
नवाचार और डिजिटलीकरण को बढ़ावा देने के लिए नई सब्सिडी योजनाएँ शुरू की जाएँगी, जो छोटे और मझोले व्यवसायों को प्रौद्योगिकी में निवेश करने के लिए प्रेरित करेंगी।

5. बुनियादी ढाँचा और शहरी विकास

इस बजट में बुनियादी ढाँचे में ₹11 लाख करोड़ का निवेश किया गया है, जो एक ऐतिहासिक कदम है। विशेष रूप से नई मेट्रो रेल परियोजनाएँ 10 नए शहरों में शुरू की जाएँगी, जिससे शहरी परिवहन को अधिक सुविधाजनक और पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाएगा। इसके अतिरिक्त, राष्ट्रीय राजमार्गों का विस्तार किया जाएगा, जिससे ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा।
स्मार्ट सिटी मिशन 2.0 के अंतर्गत, डिजिटल इंडिया को और इस लिहाज से मजबूती मिलेगी, ताकि नागरिकों को बेहतर शहरी सुविधायें मिल सकेंगी।

6. ऊर्जा सुरक्षा और हरित विकास

इस बजट में भारत सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा को बรงा देने के लिए काफी प्रगति की है। ₹3 लाख करोड़ का ग्रीन एनर्जी फंड स्थापित किया गया है, जिस कारण इलेक्ट्रिक व्हीकल (EV) नीति और हाइड्रोजन फ्यूल मिशन जैसी पहलें बढ़ेगी।
इसके अलावा, सौर ऊर्जा और अन्य वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों के लिए विशेष योजनाएँ बनाई जाएँगी, जो भारत को एक हरित और स्थिर ऊर्जा शक्ति बनाने में मदद करेंगी।

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7. अनुसंधान, नवाचार और डिजिटल इंडिया

इस बजट में वे नेशनल इनोवेशन फंड की स्थापना की घोषणा करते हुए कहा कि यह आधुनायिक तकनीकों सहित अनुसंधान और नवाचार बढ़ावा प्रदान करेगा। डिजिटल इंडिया 2.0 के तहत, 5G इंटरनेट होने और AI जैसी तकनीकों को अब आगे बढ़ाया जाएगा।
स्टार्टअप्स के लिए भी कर में छूट की घोषणा हुई ताकि उनका नया व्यवसाय बढ़ सके।

8. सामाजिक कल्याण और समावेशी विकास

सरकार ने आयुष्मान भारत योजना का विस्तार करने की घोषणा की है, जिससे लाखों गरीब और कमजोर वर्ग के नागरिकों को स्वास्थ्य सेवाओं की सुविधा मिल सकेगी। इसके अलावा, डिजिटल क्लासरूम की शुरुआत की जाएगी, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव आएगा और छात्रों को उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा ऑनलाइन माध्यम से प्राप्त होगी।

9. राज्यों के लिए विशेष विकास योजनाएँ

बजट में राज्यों के लिए विशेष विकास योजनाएँ बनाई गई हैं। बिहार में मेडिकल कॉलेज और हवाई अड्डे का निर्माण किया जाएगा, जिससे इस राज्य में स्वास्थ्य और परिवहन सुविधाओं में सुधार होगा। उत्तर प्रदेश में उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए नई योजनाएँ लागू की जाएँगी, और पूर्वोत्तर भारत में पर्यटन योजनाएँ बनाई जाएँगी।

10. बैंकिंग और वित्तीय क्षेत्र सुधार

और नई पहलें डिजिटल बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए की जाएंगी, के साथ ही मुद्रा लोन योजना की सीमा ₹20 लाख तक बढ़ाएंगे। इसके अलावा, फिनटेक हब की स्थापना होगी, जो वित्तीय तकनीकी नवाचार को बढ़ावा देगा और नए अवसर छोटी व्यावसायिक गतिविधियों को प्राप्त करने के लिए प्रदान करेगी।

निष्कर्ष:

केंद्रीय बजट 2025 ने भारतीय अर्थव्यवस्था में स्थिरता, समावेशी विकास, नवाचार और हरित ऊर्जा के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। सरकार ने इस बजट के माध्यम से आर्थिक सुधारों को एक नई दिशा देने का प्रयास किया है, जिससे देश को सतत विकास की ओर अग्रसर किया जा सके। इस बजट का उद्देश्य न केवल आर्थिक विकास को गति देना है, बल्कि समाज के प्रत्येक वर्ग को समान अवसर प्रदान करना भी है, ताकि कोई भी नागरिक आर्थिक प्रगति से वंचित न रहे।इसके अंतर्गत, सरकार ने रोजगार सृजन, कृषि सुधार, डिजिटल परिवर्तन, बुनियादी ढांचे के विकास, और वित्तीय समावेशन को प्राथमिकता दी है, ताकि देश की आर्थिक नींव को और अधिक मजबूत बनाया जा सके। विशेष रूप से, हरित ऊर्जा और पर्यावरणीय स्थिरता पर बल दिया गया है, जिससे भारत को वैश्विक स्तर पर एक सस्टेनेबल लीडर के रूप में स्थापित किया जा सके।

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